هُوَ الَّذِيْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ فِيْ سِتَّةِ اَيَّامٍ ثُمَّ اسْتَوٰى عَلَى الْعَرْشِۚ يَعْلَمُ مَا يَلِجُ فِى الْاَرْضِ وَمَا يَخْرُجُ مِنْهَا وَمَا يَنْزِلُ مِنَ السَّمَاۤءِ وَمَا يَعْرُجُ فِيْهَاۗ وَهُوَ مَعَكُمْ اَيْنَ مَا كُنْتُمْۗ وَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِيْرٌۗ ( الحديد: ٤ )
Huwa allathee khalaqa alssamawati waalarda fee sittati ayyamin thumma istawa 'ala al'arshi ya'lamu ma yaliju fee alardi wama yakhruju minha wama yanzilu mina alssamai wama ya'ruju feeha wahuwa ma'akum ayna ma kuntum waAllahu bima ta'maloona baseerun (al-Ḥadīd 57:4)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वही है जिसने आकाशों और धरती को छह दिनों में पैदा किया; फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ। वह जानता है जो कुछ धरती में प्रवेश करता है और जो कुछ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है। और तुम जहाँ कहीं भी हो, वह तुम्हारे साथ है। और अल्लाह देखता है जो कुछ तुम करते हो
English Sahih:
It is He who created the heavens and earth in six days and then established Himself above the Throne. He knows what penetrates into the earth and what emerges from it and what descends from the heaven and what ascends therein; and He is with you wherever you are. And Allah, of what you do, is Seeing. ([57] Al-Hadid : 4)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
वह वही तो है जिसने सारे आसमान व ज़मीन को छह: दिन में पैदा किए फिर अर्श (के बनाने) पर आमादा हुआ जो चीज़ ज़मीन में दाखिल होती है और जो उससे निकलती है और जो चीज़ आसमान से नाज़िल होती है और जो उसकी तरफ चढ़ती है (सब) उसको मालूम है और तुम (चाहे) जहाँ कहीं रहो वह तुम्हारे साथ है और जो कुछ भी तुम करते हो ख़ुदा उसे देख रहा है