فَرَوْحٌ وَّرَيْحَانٌ ەۙ وَّجَنَّتُ نَعِيْمٍ ( الواقعة: ٨٩ )
Then rest
فَرَوْحٌ
तो राहत है
and bounty
وَرَيْحَانٌ
और उम्दा रिज़्क़ है
and a Garden
وَجَنَّتُ
और जन्नत
(of) Pleasure
نَعِيمٍ
नेअमतों वाली
Farawhun warayhanun wajannatu na'eemin (al-Wāqiʿah 56:89)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तो (उसके लिए) आराम, सुख-सामग्री और सुगंध है, और नेमतवाला बाग़ है
English Sahih:
Then [for him is] rest and bounty and a garden of pleasure. ([56] Al-Waqi'ah : 89)