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فِيْهِنَّ قٰصِرٰتُ الطَّرْفِۙ لَمْ يَطْمِثْهُنَّ اِنْسٌ قَبْلَهُمْ وَلَا جَاۤنٌّۚ   ( الرحمن: ٥٦ )

In them
فِيهِنَّ
उनमें होंगी
(will be) companions of modest gaze
قَٰصِرَٰتُ
झुकाने वालियाँ
(will be) companions of modest gaze
ٱلطَّرْفِ
निगाहों को
not
لَمْ
नहीं
has touched them
يَطْمِثْهُنَّ
छुआ उन्हें
any man
إِنسٌ
किसी इन्सान ने
before them
قَبْلَهُمْ
उन से पहले
and not
وَلَا
और ना
any jinn
جَآنٌّ
किसी जिन्न ने

Feehinna qasiratu alttarfi lam yatmithhunna insun qablahum wala jannun (ar-Raḥmān 55:56)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन (अनुकम्पाओं) में निगाह बचाए रखनेवाली (सुन्दर) स्त्रियाँ होंगी, जिन्हें उनसे पहले न किसी मनुष्य ने हाथ लगाया और न किसी जिन्न ने

English Sahih:

In them are women limiting [their] glances, untouched before them by man or jinni. ([55] Ar-Rahman : 56)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

इसमें (पाक दामन ग़ैर की तरफ ऑंख उठा कर न देखने वाली औरतें होंगी जिनको उन से पहले न किसी इन्सान ने हाथ लगाया होगा) और जिन ने