Skip to main content

يُعْرَفُ الْمُجْرِمُوْنَ بِسِيْمٰهُمْ فَيُؤْخَذُ بِالنَّوَاصِيْ وَالْاَقْدَامِۚ   ( الرحمن: ٤١ )

Will be known
يُعْرَفُ
पहचाने जाऐंगे
the criminals
ٱلْمُجْرِمُونَ
मुजरिम
by their marks
بِسِيمَٰهُمْ
अपने चेहरों की अलामत से
and will be seized
فَيُؤْخَذُ
तो वो पकड़े जाऐंगे
by the forelocks
بِٱلنَّوَٰصِى
पेशानी के बालों से
and the feet
وَٱلْأَقْدَامِ
और क़दमों से

Yu'rafu almujrimoona biseemahum fayukhathu bialnnawasee waalaqdami (ar-Raḥmān 55:41)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अपराधी अपने चहरों से पहचान लिए जाएँगे और उनके माथे के बालों और टाँगों द्वारा पकड़ लिया जाएगा

English Sahih:

The criminals will be known by their marks, and they will be seized by the forelocks and the feet. ([55] Ar-Rahman : 41)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

गुनाहगार लोग तो अपने चेहरों ही से पहचान लिए जाएँगे तो पेशानी के पटटे और पाँव पकड़े (जहन्नुम में डाल दिये जाएँगे)