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فَيَوْمَئِذٍ لَّا يُسْـَٔلُ عَنْ ذَنْۢبِهٖٓ اِنْسٌ وَّلَا جَاۤنٌّۚ   ( الرحمن: ٣٩ )

Then on that Day
فَيَوْمَئِذٍ
तो उस दिन
not
لَّا
ना पूछा जाएगा
will be asked
يُسْـَٔلُ
ना पूछा जाएगा
about
عَن
अपने गुनाह के बारे में
his sin
ذَنۢبِهِۦٓ
अपने गुनाह के बारे में
any man
إِنسٌ
कोई इन्सान
and not
وَلَا
और ना
any jinn
جَآنٌّ
कोई जिन्न

Fayawmaithin la yusalu 'an thanbihi insun wala jannun (ar-Raḥmān 55:39)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर उस दिन न किसी मनुष्य से उसके गुनाह के विषय में पूछा जाएगा न किसी जिन्न से

English Sahih:

Then on that Day none will be asked about his sin among men or jinn. ([55] Ar-Rahman : 39)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो उस दिन न तो किसी इन्सान से उसके गुनाह के बारे में पूछा जाएगा न किसी जिन से