وَلَهُ الْجَوَارِ الْمُنْشَاٰتُ فِى الْبَحْرِ كَالْاَعْلَامِۚ ( الرحمن: ٢٤ )
And for Him
وَلَهُ
और उसी के लिए हैं
(are) the ships
ٱلْجَوَارِ
जहाज़
elevated
ٱلْمُنشَـَٔاتُ
ऊँचे उठने वाले
in
فِى
समुन्दर में
the sea
ٱلْبَحْرِ
समुन्दर में
like mountains
كَٱلْأَعْلَٰمِ
ऊँचे पहाड़ों की तरह
Walahu aljawari almunshaatu fee albahri kaala'lami (ar-Raḥmān 55:24)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसी के बस में है समुद्र में पहाड़ो की तरह उठे हुए जहाज़
English Sahih:
And to Him belong the ships [with sails] elevated in the sea like mountains. ([55] Ar-Rahman : 24)