Skip to main content

بَلِ السَّاعَةُ مَوْعِدُهُمْ وَالسَّاعَةُ اَدْهٰى وَاَمَرُّ   ( القمر: ٤٦ )

Nay
بَلِ
बल्कि
the Hour
ٱلسَّاعَةُ
क़यामत
(is) their promised time
مَوْعِدُهُمْ
उनके वादे का वक़्त है
and the Hour
وَٱلسَّاعَةُ
और क़यामत
(will be) more grievous
أَدْهَىٰ
बहुत सख़्त है
and more bitter
وَأَمَرُّ
और बहुत कड़वी

Bali alssa'atu maw'iduhum waalssa'atu adha waamarru (al-Q̈amar 54:46)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

नहीं, बल्कि वह घड़ी है, जिसका समय उनके लिए नियत है और वह बड़ी आपदावाली और कटु घड़ी है!

English Sahih:

But the Hour is their appointment [for due punishment], and the Hour is more disastrous and more bitter. ([54] Al-Qamar : 46)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बात ये है कि इनके वायदे का वक्त क़यामत है और क़यामत बड़ी सख्त और बड़ी तल्ख़ (चीज़) है