ذٰلِكَ مَبْلَغُهُمْ مِّنَ الْعِلْمِۗ اِنَّ رَبَّكَ هُوَ اَعْلَمُ بِمَنْ ضَلَّ عَنْ سَبِيْلِهٖۙ وَهُوَ اَعْلَمُ بِمَنِ اهْتَدٰى ( النجم: ٣٠ )
That
ذَٰلِكَ
यही
(is) their sum
مَبْلَغُهُم
इन्तिहा है उनकी
of
مِّنَ
इल्म में
knowledge
ٱلْعِلْمِۚ
इल्म में
Indeed
إِنَّ
बेशक
your Lord
رَبَّكَ
रब आपका
(is) He (Who)
هُوَ
वो
knows best
أَعْلَمُ
ज़्यादा जानता है
(he) who
بِمَن
उसे जो
strays
ضَلَّ
भटक गया
from
عَن
उसके रास्ते से
His Path
سَبِيلِهِۦ
उसके रास्ते से
and He
وَهُوَ
और वो
knows best
أَعْلَمُ
ज़्यादा जानता है
(he) who
بِمَنِ
उसे जो
is guided
ٱهْتَدَىٰ
हिदायत पा गया
Thalika mablaghuhum mina al'ilmi inna rabbaka huwa a'lamu biman dalla 'an sabeelihi wahuwa a'lamu bimani ihtada (an-Najm 53:30)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐसे लोगों के ज्ञान की पहुँच बस यहीं तक है। निश्चय ही तुम्हारा रब ही उसे भली-भाँति जानता है जो उसके मार्ग से भटक गया और वही उसे भी भली-भाँति जानता है जिसने सीधा मार्ग अपनाया
English Sahih:
That is their sum of knowledge. Indeed, your Lord is most knowing of who strays from His way, and He is most knowing of who is guided. ([53] An-Najm : 30)