وَمَا يَنْطِقُ عَنِ الْهَوٰى ( النجم: ٣ )
And not
وَمَا
और नहीं
he speaks
يَنطِقُ
वो बोलता
from
عَنِ
ख़्वाहिशे नफ़्स से
the desire
ٱلْهَوَىٰٓ
ख़्वाहिशे नफ़्स से
Wama yantiqu 'ani alhawa (an-Najm 53:3)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और न वह अपनी इच्छा से बोलता है;
English Sahih:
Nor does he speak from [his own] inclination. ([53] An-Najm : 3)