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اِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَذِكْرٰى لِمَنْ كَانَ لَهٗ قَلْبٌ اَوْ اَلْقَى السَّمْعَ وَهُوَ شَهِيْدٌ   ( ق: ٣٧ )

Indeed
إِنَّ
यक़ीनन
in
فِى
इसमें
that
ذَٰلِكَ
इसमें
surely, is a reminder
لَذِكْرَىٰ
अलबत्ता नसीहत है
for (one) who
لِمَن
वास्ते उसके जो
is
كَانَ
हो
for him
لَهُۥ
उसके लिए
a heart
قَلْبٌ
दिल
or
أَوْ
या
(who) gives ear
أَلْقَى
वो लगाए
(who) gives ear
ٱلسَّمْعَ
कान
while he
وَهُوَ
जबकि वो
(is) a witness
شَهِيدٌ
हाज़िर हो

Inna fee thalika lathikra liman kana lahu qalbun aw alqa alssam'a wahuwa shaheedun (Q̈āf 50:37)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निश्चय ही इसमें उस व्यक्ति के लिए शिक्षा-सामग्री है जिसके पास दिल हो या वह (दिल से) हाजिर रहकर कान लगाए

English Sahih:

Indeed in that is a reminder for whoever has a heart or who listens while he is present [in mind]. ([50] Qaf : 37)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

इसमें शक़ नहीं कि जो शख़्श (आगाह) दिल रखता है या कान लगाकर हुज़ूरे क़ल्ब से सुनता है उसके लिए इसमें (काफ़ी) नसीहत है