وَلَقَدْ خَلَقْنَا الْاِنْسَانَ وَنَعْلَمُ مَا تُوَسْوِسُ بِهٖ نَفْسُهٗ ۖوَنَحْنُ اَقْرَبُ اِلَيْهِ مِنْ حَبْلِ الْوَرِيْدِ ( ق: ١٦ )
And certainly
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
We created
خَلَقْنَا
पैदा किया हमने
man
ٱلْإِنسَٰنَ
इन्सान को
and We know
وَنَعْلَمُ
और हम जानते हैं
what
مَا
जो
whispers
تُوَسْوِسُ
वस्वसा डालता है
to him
بِهِۦ
उसे
his soul
نَفْسُهُۥۖ
नफ़्स उसका
and We
وَنَحْنُ
और हम
(are) nearer
أَقْرَبُ
ज़्यादा क़रीब हैं
to him
إِلَيْهِ
उसके
than
مِنْ
शह रग से
(his) jugular vein
حَبْلِ
शह रग से
(his) jugular vein
ٱلْوَرِيدِ
शह रग से
Walaqad khalaqna alinsana wana'lamu ma tuwaswisu bihi nafsuhu wanahnu aqrabu ilayhi min habli alwareedi (Q̈āf 50:16)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमने मनुष्य को पैदा किया है और हम जानते है जो बातें उसके जी में आती है। और हम उससे उसकी गरदन की रग से भी अधिक निकट है
English Sahih:
And We have already created man and know what his soul whispers to him, and We are closer to him than [his] jugular vein. ([50] Qaf : 16)