وَاَطِيْعُوا اللّٰهَ وَاَطِيْعُوا الرَّسُوْلَ وَاحْذَرُوْا ۚفَاِنْ تَوَلَّيْتُمْ فَاعْلَمُوْٓا اَنَّمَا عَلٰى رَسُوْلِنَا الْبَلٰغُ الْمُبِيْنُ ( المائدة: ٩٢ )
And obey
وَأَطِيعُوا۟
और इताअत करो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
and obey
وَأَطِيعُوا۟
और इताअत करो
the Messenger
ٱلرَّسُولَ
रसूल की
and beware
وَٱحْذَرُوا۟ۚ
और डरो
And if
فَإِن
फिर अगर
you turn away
تَوَلَّيْتُمْ
मुँह मोड़ लिया तुमने
then know
فَٱعْلَمُوٓا۟
तो जान लो
only
أَنَّمَا
बेशक
upon
عَلَىٰ
हमारे रसूल के ज़िम्मे
Our Messenger
رَسُولِنَا
हमारे रसूल के ज़िम्मे
(is to) convey (the Message)
ٱلْبَلَٰغُ
पहुँचा देना है
clearly
ٱلْمُبِينُ
खुल्लम-खुल्ला
Waatee'oo Allaha waatee'oo alrrasoola waihtharoo fain tawallaytum fai'lamoo annama 'ala rasoolina albalaghu almubeenu (al-Māʾidah 5:92)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह की आज्ञा का पालन करो और रसूल की आज्ञा का पालन करो और बचते रहो, किन्तु यदि तुमने मुँह मोड़ा तो जान लो कि हमारे रसूल पर केवल स्पष्ट रूप से (संदेश) पहुँचा देने की ज़िम्मेदारी है
English Sahih:
And obey Allah and obey the Messenger and beware. And if you turn away – then know that upon Our Messenger is only [the responsibility for] clear notification. ([5] Al-Ma'idah : 92)