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يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا لَا تُحَرِّمُوْا طَيِّبٰتِ مَآ اَحَلَّ اللّٰهُ لَكُمْ وَلَا تَعْتَدُوْا ۗاِنَّ اللّٰهَ لَا يُحِبُّ الْمُعْتَدِيْنَ   ( المائدة: ٨٧ )

O you
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
who
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe!
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
(Do) not
لَا
ना तुम हराम करो
make unlawful
تُحَرِّمُوا۟
ना तुम हराम करो
(the) good things
طَيِّبَٰتِ
पाकीज़ा चीज़ें
(of) what
مَآ
जो
has (been) made lawful
أَحَلَّ
हलाल कीं
(by) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
for you
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
and (do) not
وَلَا
और ना
transgress
تَعْتَدُوٓا۟ۚ
तुम हद से तजावुज़ करो
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(does) not
لَا
नहीं वो पसंद करता
love
يُحِبُّ
नहीं वो पसंद करता
the transgressors
ٱلْمُعْتَدِينَ
हद से तजावुज़ करने वालों को

Ya ayyuha allatheena amanoo la tuharrimoo tayyibati ma ahalla Allahu lakum wala ta'tadoo inna Allaha la yuhibbu almu'tadeena (al-Māʾidah 5:87)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ ईमान लानेवालो! जो अच्छी पाक चीज़े अल्लाह ने तुम्हारे लिए हलाल की है, उन्हें हराम न कर लो और हद से आगे न बढ़ो। निश्चय ही अल्लाह को वे लोग प्रिय नहीं है, जो हद से आगे बढ़ते है

English Sahih:

O you who have believed, do not prohibit the good things which Allah has made lawful to you and do not transgress. Indeed, Allah does not like transgressors. ([5] Al-Ma'idah : 87)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ ईमानदार जो पाक चीज़े ख़ुदा ने तुम्हारे वास्ते हलाल कर दी हैं उनको अपने ऊपर हराम न करो और हद से न बढ़ो क्यों कि ख़ुदा हद से बढ़ जाने वालों को हरगिज़ दोस्त नहीं रखता