Skip to main content

تَرٰى كَثِيْرًا مِّنْهُمْ يَتَوَلَّوْنَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا ۗ لَبِئْسَ مَا قَدَّمَتْ لَهُمْ اَنْفُسُهُمْ اَنْ سَخِطَ اللّٰهُ عَلَيْهِمْ وَفِى الْعَذَابِ هُمْ خٰلِدُوْنَ  ( المائدة: ٨٠ )

You see
تَرَىٰ
आप देखेंगे
many
كَثِيرًا
कसीर तादाद को
of them
مِّنْهُمْ
उनमें से
taking as allies
يَتَوَلَّوْنَ
वो दोस्ती करते हैं
those who
ٱلَّذِينَ
उनसे जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟ۚ
कुफ़्र किया
Surely evil
لَبِئْسَ
अलबत्ता कितना बुरा है
(is) what
مَا
जो
sent forth
قَدَّمَتْ
आगे भेजा
for them
لَهُمْ
उनके लिए
their souls
أَنفُسُهُمْ
उनके नफ़्सों ने
that
أَن
ये कि
became angry
سَخِطَ
नाराज़ हुआ
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
with them
عَلَيْهِمْ
उन पर
and in
وَفِى
और अज़ाब में
the punishment
ٱلْعَذَابِ
और अज़ाब में
they
هُمْ
वो
(will) abide forever
خَٰلِدُونَ
हमेशा रहने वाले हैं

Tara katheeran minhum yatawallawna allatheena kafaroo labisa ma qaddamat lahum anfusuhum an sakhita Allahu 'alayhim wafee al'athabi hum khalidoona (al-Māʾidah 5:80)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम उनमें से बहुतेरे लोगों को देखते हो जो इनकार करनेवालो से मित्रता रखते है। निश्चय ही बहुत बुरा है, जो उन्होंने अपने आगे रखा है। अल्लाह का उनपर प्रकोप हुआ और यातना में वे सदैव ग्रस्त रहेंगे

English Sahih:

You see many of them becoming allies of those who disbelieved [i.e., the polytheists]. How wretched is that which they have put forth for themselves in that Allah has become angry with them, and in the punishment they will abide eternally. ([5] Al-Ma'idah : 80)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) तुम उन (यहूदियों) में से बहुतेरों को देखोगे कि कुफ्फ़ार से दोस्ती रखते हैं जो सामान पहले से उन लोगों ने ख़ुद अपने वास्ते दुरूस्त किया है किस क़दर बुरा है (जिसका नतीजा ये है) कि (दुनिया में भी) ख़ुदा उन पर गज़बनाक हुआ और (आख़ेरत में भी) हमेशा अज़ाब ही में रहेंगे