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قُلْ اَتَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا يَمْلِكُ لَكُمْ ضَرًّا وَّلَا نَفْعًا ۗوَاللّٰهُ هُوَ السَّمِيْعُ الْعَلِيْمُ  ( المائدة: ٧٦ )

Say
قُلْ
कह दीजिए
"Do you worship
أَتَعْبُدُونَ
क्या तुम इबादत करते हो
from
مِن
सिवाय
besides
دُونِ
सिवाय
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
what
مَا
उसकी जो
not
لَا
नहीं मिल्कियत रखता
has power
يَمْلِكُ
नहीं मिल्कियत रखता
to (cause) you
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
any harm
ضَرًّا
किसी नुक़सान का
and not
وَلَا
और ना
any benefit
نَفْعًاۚ
किसी नफ़ा के
while Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
He
هُوَ
वो ही है
(is) the All-Hearing
ٱلسَّمِيعُ
ख़ूब सुनने वाला
the All-Knowing?
ٱلْعَلِيمُ
ख़ूब जानने वाला

Qul ata'budoona min dooni Allahi ma la yamliku lakum darran wala naf'an waAllahu huwa alssamee'u al'aleemu (al-Māʾidah 5:76)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कह दो, 'क्या तुम अल्लाह से हटकर उसकी बन्दगी करते हो जो न तुम्हारी हानि का अधिकारी है, न लाभ का? हालाँकि सुननेवाला, जाननेवाला अल्लाह ही है।'

English Sahih:

Say, "Do you worship besides Allah that which holds for you no [power of] harm or benefit while it is Allah who is the Hearing, the Knowing?" ([5] Al-Ma'idah : 76)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर देखो तो कि (उसपर भी उलटे) ये लोग कहॉ भटके जा रहे हैं (ऐ रसूल) तुम कह दो कि क्या तुम ख़ुदा (जैसे क़ादिर व तवाना) को छोड़कर (ऐसी ज़लील) चीज़ की इबादत करते हो जिसको न तो नुक़सान ही इख्तेयार है और न नफ़े का और ख़ुदा तो (सबकी) सुनता (और सब कुछ) जानता है