مَا الْمَسِيْحُ ابْنُ مَرْيَمَ اِلَّا رَسُوْلٌۚ قَدْ خَلَتْ مِنْ قَبْلِهِ الرُّسُلُۗ وَاُمُّهٗ صِدِّيْقَةٌ ۗ كَانَا يَأْكُلَانِ الطَّعَامَ ۗ اُنْظُرْ كَيْفَ نُبَيِّنُ لَهُمُ الْاٰيٰتِ ثُمَّ انْظُرْ اَنّٰى يُؤْفَكُوْنَ ( المائدة: ٧٥ )
Ma almaseehu ibnu maryama illa rasoolun qad khalat min qablihi alrrusulu waommuhu siddeeqatun kana yakulani altta'ama onthur kayfa nubayyinu lahumu alayati thumma onthur anna yufakoona (al-Māʾidah 5:75)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
मरयम का बेटा मसीह एक रसूल के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं। उससे पहले भी बहुत-से रसूल गुज़र चुके हैं। उसकी माण अत्यन्त सत्यवती थी। दोनों ही भोजन करते थे। देखो, हम किस प्रकार उनके सामने निशानियाँ स्पष्ट करते है; फिर देखो, ये किस प्रकार उलटे फिरे जा रहे है!
English Sahih:
The Messiah, son of Mary, was not but a messenger; [other] messengers have passed on before him. And his mother was a supporter of truth. They both used to eat food. Look how We make clear to them the signs; then look how they are deluded. ([5] Al-Ma'idah : 75)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
मरियम के बेटे मसीह तो बस एक रसूल हैं और उनके क़ब्ल (और भी) बहुतेरे रसूल गुज़र चुके हैं और उनकी मॉ भी (ख़ुदा की) एक सच्ची बन्दी थी (और आदमियों की तरह) ये दोनों (के दोनों भी) खाना खाते थे (ऐ रसूल) ग़ौर तो करो हम अपने एहकाम इनसे कैसा साफ़ साफ़ बयान करते हैं