وَاذْكُرُوْا نِعْمَةَ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ وَمِيْثَاقَهُ الَّذِيْ وَاثَقَكُمْ بِهٖٓ ۙاِذْ قُلْتُمْ سَمِعْنَا وَاَطَعْنَا ۖوَاتَّقُوا اللّٰهَ ۗاِنَّ اللّٰهَ عَلِيْمٌ ۢبِذَاتِ الصُّدُوْرِ ( المائدة: ٧ )
Waothkuroo ni'mata Allahi 'alaykum wameethaqahu allathee wathaqakum bihi ith qultum sami'na waata'na waittaqoo Allaha inna Allaha 'aleemun bithati alssudoori (al-Māʾidah 5:7)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और अल्लाह के उस अनुग्रह को याद करो जो उसने तुमपर किया हैं और उस प्रतिज्ञा को भी जो उसने तुमसे की है, जबकि तुमने कहा था - 'हमने सुना और माना।' अल्लाह जो कुछ सीनों (दिलों) में है, उसे भी जानता हैं
English Sahih:
And remember the favor of Allah upon you and His covenant with which He bound you when you said, "We hear and we obey"; and fear Allah. Indeed, Allah is Knowing of that within the breasts. ([5] Al-Ma'idah : 7)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जो एहसानात ख़ुदा ने तुमपर किए हैं उनको और उस (एहद व पैमान) को याद करो जिसका तुमसे पक्का इक़रार ले चुका है जब तुमने कहा था कि हमने (एहकामे ख़ुदा को) सुना और दिल से मान लिया और ख़ुदा से डरते रहो क्योंकि इसमें ज़रा भी शक नहीं कि ख़ुदा दिलों के राज़ से भी बाख़बर है