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اِنَّ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَالَّذِيْنَ هَادُوْا وَالصَّابِـُٔوْنَ وَالنَّصٰرٰى مَنْ اٰمَنَ بِاللّٰهِ وَالْيَوْمِ الْاٰخِرِ وَعَمِلَ صَالِحًا فَلَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُوْنَ  ( المائدة: ٦٩ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
those who
ٱلَّذِينَ
वो जो
believed
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and those who
وَٱلَّذِينَ
और जो
became Jews
هَادُوا۟
यहूदी बन गए
and the Sabians
وَٱلصَّٰبِـُٔونَ
और जो साबी हैं
and the Christians
وَٱلنَّصَٰرَىٰ
और जो नसारा हैं
whoever
مَنْ
जो कोई
believed
ءَامَنَ
ईमान लाया
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
and the Day
وَٱلْيَوْمِ
और आख़िरी दिन पर
the Last
ٱلْءَاخِرِ
और आख़िरी दिन पर
and did
وَعَمِلَ
और उसने अमल किए
good deeds
صَٰلِحًا
नेक
then no
فَلَا
तो ना
fear
خَوْفٌ
कोई खौफ़ होगा
on them
عَلَيْهِمْ
उन पर
and not
وَلَا
और ना
they
هُمْ
वो
will grieve
يَحْزَنُونَ
वो ग़मगीन होंगे

Inna allatheena amanoo waallatheena hadoo waalssabioona waalnnasara man amana biAllahi waalyawmi alakhiri wa'amila salihan fala khawfun 'alayhim wala hum yahzanoona (al-Māʾidah 5:69)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निस्संदेह वे लोग जो ईमान लाए है और जो यहूदी हुए है और साबई और ईसाई, उनमें से जो कोई भी अल्लाह और अन्तिम दिन पर ईमान लाए और अच्छा कर्म करे तो ऐसे लोगों को न तो कोई डर होगा और न वे शोकाकुल होंगे

English Sahih:

Indeed, those who have believed [in Prophet Muhammad (^)] and those [before him (^)] who were Jews or Sabeans or Christians – those [among them] who believed in Allah and the Last Day and did righteousness – no fear will there be concerning them, nor will they grieve. ([5] Al-Ma'idah : 69)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

इसमें तो शक ही नहीं कि मुसलमान हो या यहूदी हकीमाना ख्याल के पाबन्द हों ख्वाह नसरानी (गरज़ कुछ भी हो) जो ख़ुदा और रोज़े क़यामत पर ईमान लाएगा और अच्छे (अच्छे) काम करेगा उन पर अलबत्ता न तो कोई ख़ौफ़ होगा न वह लोग आज़ुर्दा ख़ातिर होंगे