وَلَوْ اَنَّهُمْ اَقَامُوا التَّوْرٰىةَ وَالْاِنْجِيْلَ وَمَآ اُنْزِلَ اِلَيْهِمْ مِّنْ رَّبِّهِمْ لَاَكَلُوْا مِنْ فَوْقِهِمْ وَمِنْ تَحْتِ اَرْجُلِهِمْۗ مِنْهُمْ اُمَّةٌ مُّقْتَصِدَةٌ ۗ وَكَثِيْرٌ مِّنْهُمْ سَاۤءَ مَا يَعْمَلُوْنَ ࣖ ( المائدة: ٦٦ )
Walaw annahum aqamoo alttawrata waalinjeela wama onzila ilayhim min rabbihim laakaloo min fawqihim wamin tahti arjulihim minhum ommatun muqtasidatun wakatheerun minhum saa ma ya'maloona (al-Māʾidah 5:66)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और यदि वे तौरात और इनजील को और जो कुछ उनके रब की ओर से उनकी ओर उतारा गया है, उसे क़ायम रखते, तो उन्हें अपने ऊपर से भी खाने को मिलता और अपने पाँव के नीचे से भी। उनमें से एक गिरोह सीधे मार्ग पर चलनेवाला भी है, किन्तु उनमें से अधिकतर ऐसे है कि जो भी करते है बुरा होता है
English Sahih:
And if only they had upheld [the law of] the Torah, the Gospel, and what has been revealed to them from their Lord [i.e., the Quran], they would have consumed [provision] from above them and from beneath their feet. Among them are a moderate [i.e., acceptable] community, but many of them – evil is that which they do. ([5] Al-Ma'idah : 66)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और अगर यह लोग तौरैत और इन्जील और (सहीफ़े) उनके पास उनके परवरदिगार की तरफ़ से नाज़िल किये गए थे (उनके एहकाम को) क़ायम रखते तो ज़रूर (उनके) ऊपर से भी (रिज़क़ बरस पड़ता) और पॉवों के नीचे से भी उबल आता और (ये ख़ूब चैन से) खाते उनमें से कुछ लोग तो एतदाल पर हैं (मगर) उनमें से बहुतेरे जो कुछ करते हैं बुरा ही करते हैं