اَلْيَوْمَ اُحِلَّ لَكُمُ الطَّيِّبٰتُۗ وَطَعَامُ الَّذِيْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ حِلٌّ لَّكُمْ ۖوَطَعَامُكُمْ حِلٌّ لَّهُمْ ۖوَالْمُحْصَنٰتُ مِنَ الْمُؤْمِنٰتِ وَالْمُحْصَنٰتُ مِنَ الَّذِيْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ مِنْ قَبْلِكُمْ اِذَآ اٰتَيْتُمُوْهُنَّ اُجُوْرَهُنَّ مُحْصِنِيْنَ غَيْرَ مُسَافِحِيْنَ وَلَا مُتَّخِذِيْٓ اَخْدَانٍۗ وَمَنْ يَّكْفُرْ بِالْاِيْمَانِ فَقَدْ حَبِطَ عَمَلُهٗ ۖوَهُوَ فِى الْاٰخِرَةِ مِنَ الْخٰسِرِيْنَ ࣖ ( المائدة: ٥ )
Alyawma ohilla lakumu alttayyibatu wata'amu allatheena ootoo alkitaba hillun lakum wata'amukum hillun lahum waalmuhsanatu mina almuminati waalmuhsanatu mina allatheena ootoo alkitaba min qablikum itha ataytumoohunna ojoorahunna muhsineena ghayra musafiheena wala muttakhithee akhdanin waman yakfur bialeemani faqad habita 'amaluhu wahuwa fee alakhirati mina alkhasireena (al-Māʾidah 5:5)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
आज तुम्हारे लिए अच्छी स्वच्छ चीज़ें हलाल कर दी गई और जिन्हें किताब दी गई उनका भोजन भी तुम्हारे लिए हलाल है और तुम्हारा भोजन उनके लिए हलाल है और शरीफ़ और स्वतंत्र ईमानवाली स्त्रियाँ भी जो तुमसे पहले के किताबवालों में से हो, जबकि तुम उनका हक़ (मेहर) देकर उन्हें निकाह में लाओ। न तो यह काम स्वछन्द कामतृप्ति के लिए हो और न चोरी-छिपे याराना करने को। और जिस किसी ने ईमान से इनकार किया, उसका सारा किया-धरा अकारथ गया और वह आख़िरत में भी घाटे में रहेगा
English Sahih:
This day [all] good foods have been made lawful, and the food of those who were given the Scripture is lawful for you and your food is lawful for them. And [lawful in marriage are] chaste women from among the believers and chaste women from among those who were given the Scripture before you, when you have given them their due compensation, desiring chastity, not unlawful sexual intercourse or taking [secret] lovers. And whoever denies the faith – his work has become worthless, and he, in the Hereafter, will be among the losers. ([5] Al-Ma'idah : 5)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
आज तमाम पाकीज़ा चीजें तुम्हारे लिए हलाल कर दी गयी हैं और अहले किताब की ख़ुश्क चीजें ग़ेहूं (वगैरह) तुम्हारे लिए हलाल हैं और तुम्हारी ख़ुश्क चीजें ग़ेहूं (वगैरह) उनके लिए हलाल हैं और आज़ाद पाक दामन औरतें और उन लोगों में की आज़ाद पाक दामन औरतें जिनको तुमसे पहले किताब दी जा चुकी है जब तुम उनको उनके मेहर दे दो (और) पाक दामिनी का इरादा करो न तो खुल्लम खुल्ला ज़िनाकारी का और न चोरी छिपे से आशनाई का और जिस शख्स ने ईमान से इन्कार किया तो उसका सब किया (धरा) अकारत हो गया और (तुल्फ़ तो ये है कि) आख़ेरत में भी वही घाटे में रहेगा