يُرِيْدُوْنَ اَنْ يَّخْرُجُوْا مِنَ النَّارِ وَمَا هُمْ بِخَارِجِيْنَ مِنْهَا ۖوَلَهُمْ عَذَابٌ مُّقِيمٌ ( المائدة: ٣٧ )
They will wish
يُرِيدُونَ
वो चाहेंगे
that
أَن
कि
they come out
يَخْرُجُوا۟
वो निकल जाऐं
of
مِنَ
आग से
the Fire
ٱلنَّارِ
आग से
but not
وَمَا
और नहीं
they
هُم
वो
will come out
بِخَٰرِجِينَ
निकलने वाले
of it
مِنْهَاۖ
उससे
And for them
وَلَهُمْ
और उनके लिए
(is) a punishment
عَذَابٌ
अज़ाब है
lasting
مُّقِيمٌ
क़ायम रहने वाला
Yureedoona an yakhrujoo mina alnnari wama hum bikharijeena minha walahum 'athabun muqeemun (al-Māʾidah 5:37)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे चाहेंगे कि आग (जहन्नम) से निकल जाएँ, परन्तु वे उससे न निकल सकेंगे। उनके लिए चिरस्थायी यातना है
English Sahih:
They will wish to get out of the Fire, but never are they to emerge therefrom, and for them is an enduring punishment. ([5] Al-Ma'idah : 37)