فَطَوَّعَتْ لَهٗ نَفْسُهٗ قَتْلَ اَخِيْهِ فَقَتَلَهٗ فَاَصْبَحَ مِنَ الْخٰسِرِيْنَ ( المائدة: ٣٠ )
Then prompted
فَطَوَّعَتْ
तो आसान कर दिया
to him
لَهُۥ
उसके लिए
his soul
نَفْسُهُۥ
उसके नफ़्स ने
(to) kill
قَتْلَ
क़त्ल करना
his brother
أَخِيهِ
अपने भाई का
so he killed him
فَقَتَلَهُۥ
तो उसने क़त्ल कर दिया उसे
and became
فَأَصْبَحَ
पस वो हो गया
of
مِنَ
ख़सारा पाने वालों में से
the losers
ٱلْخَٰسِرِينَ
ख़सारा पाने वालों में से
Fatawwa'at lahu nafsuhu qatla akheehi faqatalahu faasbaha mina alkhasireena (al-Māʾidah 5:30)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अन्ततः उसके जी ने उस अपने भाई की हत्या के लिए उद्यत कर दिया, तो उसने उसकी हत्या कर डाली और घाटे में पड़ गया
English Sahih:
And his soul permitted to him the murder of his brother, so he killed him and became among the losers. ([5] Al-Ma'idah : 30)