لَىِٕنْۢ بَسَطْتَّ اِلَيَّ يَدَكَ لِتَقْتُلَنِيْ مَآ اَنَا۠ بِبَاسِطٍ يَّدِيَ اِلَيْكَ لِاَقْتُلَكَۚ اِنِّيْٓ اَخَافُ اللّٰهَ رَبَّ الْعٰلَمِيْنَ ( المائدة: ٢٨ )
If
لَئِنۢ
अलबत्ता अगर
you stretch
بَسَطتَ
बढ़ाया तूने
towards me
إِلَىَّ
मेरी तरफ़
your hand
يَدَكَ
हाथ अपना
to kill me
لِتَقْتُلَنِى
ताकि तू क़त्ल कर दे मुझे
not
مَآ
नहीं
will I
أَنَا۠
मैं
stretch
بِبَاسِطٍ
बढ़ाने वाला
my hand
يَدِىَ
हाथ अपना
towards you
إِلَيْكَ
तरफ़ तेरे
to kill you
لِأَقْتُلَكَۖ
ताकि मैं क़त्ल कर दूँ तुझे
indeed I
إِنِّىٓ
बेशक मैं
fear
أَخَافُ
मैं डरता हूँ
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह से
(the) Lord
رَبَّ
जो रब है
(of) the worlds"
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहानों का
Lain basatta ilayya yadaka litaqtulanee ma ana bibasitin yadiya ilayka liaqtulaka innee akhafu Allaha rabba al'alameena (al-Māʾidah 5:28)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'यदि तू मेरी हत्या करने के लिए मेरी ओर हाथ बढ़ाएगा तो मैं तेरी हत्या करने के लिए तेरी ओर अपना हाथ नहीं बढ़ाऊँगा। मैं तो अल्लाह से डरता हूँ, जो सारे संसार का रब है
English Sahih:
If you should raise your hand toward me to kill me – I shall not raise my hand toward you to kill you. Indeed, I fear Allah, Lord of the worlds. ([5] Al-Ma'idah : 28)