قَالَ اللّٰهُ هٰذَا يَوْمُ يَنْفَعُ الصّٰدِقِيْنَ صِدْقُهُمْ ۗ لَهُمْ جَنّٰتٌ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَآ اَبَدًا ۗرَضِيَ اللّٰهُ عَنْهُمْ وَرَضُوْا عَنْهُ ۗذٰلِكَ الْفَوْزُ الْعَظِيْمُ ( المائدة: ١١٩ )
Qala Allahu hatha yawmu yanfa'u alssadiqeena sidquhum lahum jannatun tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha abadan radiya Allahu 'anhum waradoo 'anhu thalika alfawzu al'atheemu (al-Māʾidah 5:119)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह कहेगा, 'यह वह दिन है कि सच्चों को उनकी सच्चाई लाभ पहुँचाएगी। उनके लिए ऐसे बाग़ है, जिनके नीचे नहेर बह रही होंगी, उनमें वे सदैव रहेंगे। अल्लाह उनसे राज़ी हुआ और वे उससे राज़ी हुए। यही सबसे बड़ी सफलता है।'
English Sahih:
Allah will say, "This is the Day when the truthful will benefit from their truthfulness." For them are gardens [in Paradise] beneath which rivers flow, wherein they will abide forever, Allah being pleased with them, and they with Him. That is the great attainment. ([5] Al-Ma'idah : 119)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ख़ुदा फरमाएगा कि ये वह दिन है कि सच्चे बन्दों को उनकी सच्चाई (आज) काम आएगी उनके लिए (हरे भरे बेहिश्त के) वह बाग़ात है जिनके (दरख्तो के) नीचे नहरे जारी हैं (और) वह उसमें अबादुल आबाद तक रहेंगे ख़ुदा उनसे राज़ी और वह ख़ुदा से खुश यही बहुत बड़ी कामयाबी है