وَاِذْ قَالَ اللّٰهُ يٰعِيْسَى ابْنَ مَرْيَمَ ءَاَنْتَ قُلْتَ لِلنَّاسِ اتَّخِذُوْنِيْ وَاُمِّيَ اِلٰهَيْنِ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ۗقَالَ سُبْحٰنَكَ مَا يَكُوْنُ لِيْٓ اَنْ اَقُوْلَ مَا لَيْسَ لِيْ بِحَقٍّ ۗاِنْ كُنْتُ قُلْتُهٗ فَقَدْ عَلِمْتَهٗ ۗتَعْلَمُ مَا فِيْ نَفْسِيْ وَلَآ اَعْلَمُ مَا فِيْ نَفْسِكَ ۗاِنَّكَ اَنْتَ عَلَّامُ الْغُيُوْبِ ( المائدة: ١١٦ )
Waith qala Allahu ya 'eesa ibna maryama aanta qulta lilnnasi ittakhithoonee waommiya ilahayni min dooni Allahi qala subhanaka ma yakoonu lee an aqoola ma laysa lee bihaqqin in kuntu qultuhu faqad 'alimtahu ta'lamu ma fee nafsee wala a'lamu ma fee nafsika innaka anta 'allamu alghuyoobi (al-Māʾidah 5:116)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और याद करो जब अल्लाह कहेगा, 'ऐ मरयम के बेटे ईसा! क्या तुमने लोगों से कहा था कि अल्लाह के अतिरिक्त दो और पूज्य मुझ और मेरी माँ को बना लो?' वह कहेगा, 'महिमावान है तू! मुझसे यह नहीं हो सकता कि मैं यह बात कहूँ, जिसका मुझे कोई हक़ नहीं है। यदि मैंने यह कहा होता तो तुझे मालूम होता। तू जानता है, जो कुछ मेरे मन में है। परन्तु मैं नहीं जानता जो कुछ तेरे मन में है। निश्चय ही, तू छिपी बातों का भली-भाँति जाननेवाला है
English Sahih:
And [beware the Day] when Allah will say, "O Jesus, Son of Mary, did you say to the people, 'Take me and my mother as deities besides Allah?'" He will say, "Exalted are You! It was not for me to say that to which I have no right. If I had said it, You would have known it. You know what is within myself, and I do not know what is within Yourself. Indeed, it is You who is Knower of the unseen. ([5] Al-Ma'idah : 116)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (वह वक्त भी याद करो) जब क़यामत में ईसा से ख़ुदा फरमाएग कि (क्यों) ऐ मरियम के बेटे ईसा क्या तुमने लोगों से ये कह दिया था कि ख़ुदा को छोड़कर मुझ को और मेरी माँ को ख़ुदा बना लो ईसा अर्ज़ करेगें सुबहान अल्लाह मेरी तो ये मजाल न थी कि मै ऐसी बात मुँह से निकालूं जिसका मुझे कोई हक़ न हो (अच्छा) अगर मैने कहा होगा तो तुझको ज़रुर मालूम ही होगा क्योंकि तू मेरे दिल की (सब बात) जानता है हाँ अलबत्ता मै तेरे जी की बात नहीं जानता (क्योंकि) इसमें तो शक़ ही नहीं कि तू ही ग़ैब की बातें ख़ूब जानता है