ذٰلِكَ اَدْنٰٓى اَنْ يَّأْتُوْا بِالشَّهَادَةِ عَلٰى وَجْهِهَآ اَوْ يَخَافُوْٓا اَنْ تُرَدَّ اَيْمَانٌۢ بَعْدَ اَيْمَانِهِمْۗ وَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاسْمَعُوْا ۗوَاللّٰهُ لَا يَهْدِى الْقَوْمَ الْفٰسِقِيْنَ ࣖ ( المائدة: ١٠٨ )
Thalika adna an yatoo bialshshahadati 'ala wajhiha aw yakhafoo an turadda aymanun ba'da aymanihim waittaqoo Allaha waisma'oo waAllahu la yahdee alqawma alfasiqeena (al-Māʾidah 5:108)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
इसमें इसकी सम्भावना है कि वे ठीक-ठीक गवाही देंगे या डरेंगे कि उनकी क़समों के पश्चात क़समें ली जाएँगी। अल्लाह का डर रखो और सुनो। अल्लाह अवज्ञाकारी लोगों को मार्ग नहीं दिखाता
English Sahih:
That is more likely that they will give testimony according to its [true] objective, or [at least] they would fear that [other] oaths might be taken after their oaths. And fear Allah and listen [i.e., obey Him]; and Allah does not guide the defiantly disobedient people. ([5] Al-Ma'idah : 108)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ये ज्यादा क़रीन क़यास है कि इस तरह पर (आख़ेरत के डर से) ठीक ठीक गवाही दें या (दुनिया की रूसवाई का) अन्देशा हो कि कहीं हमारी क़समें दूसरे फरीक़ की क़समों के बाद रद न कर दी जाएँ मुसलमानों ख़ुदा से डरो और (जी लगा कर) सुन लो और ख़ुदा बदचलन लोगों को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाता