يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا لَا تَسْـَٔلُوْا عَنْ اَشْيَاۤءَ اِنْ تُبْدَ لَكُمْ تَسُؤْكُمْ ۚوَاِنْ تَسْـَٔلُوْا عَنْهَا حِيْنَ يُنَزَّلُ الْقُرْاٰنُ تُبْدَ لَكُمْ ۗعَفَا اللّٰهُ عَنْهَا ۗوَاللّٰهُ غَفُوْرٌ حَلِيْمٌ ( المائدة: ١٠١ )
Ya ayyuha allatheena amanoo la tasaloo 'an ashyaa in tubda lakum tasukum wain tasaloo 'anha heena yunazzalu alquranu tubda lakum 'afa Allahu 'anha waAllahu ghafoorun haleemun (al-Māʾidah 5:101)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ ईमान लानेवालो! ऐसी चीज़ों के विषय में न पूछो कि वे यदि तुम पर स्पष्ट कर दी जाएँ, तो तुम्हें बूरी लगें। यदि तुम उन्हें ऐसे समय में पूछोगे, जबकि क़ुरआन अवतरित हो रहा है, तो वे तुमपर स्पष्ट कर दी जाएँगी। अल्लाह ने उसे क्षमा कर दिया। अल्लाह बहुत क्षमा करनेवाला, सहनशील है
English Sahih:
O you who have believed, do not ask about things which, if they are shown to you, will distress you. But if you ask about them while the Quran is being revealed, they will be shown to you. Allah has pardoned it [i.e., that which is past]; and Allah is Forgiving and Forbearing. ([5] Al-Ma'idah : 101)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ऐ ईमान वालों ऐसी चीज़ों के बारे में (रसूल से) न पूछा करो कि अगर तुमको मालूम हो जाए तो तुम्हें बुरी मालूम हो और अगर उनके बारे में कुरान नाज़िल होने के वक्त पूछ बैठोगे तो तुम पर ज़ाहिर कर दी जाएगी (मगर तुमको बुरा लगेगा जो सवालात तुम कर चुके) ख़ुदा ने उनसे दरगुज़र की और ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला बुर्दबार है