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قُلْ لَّا يَسْتَوِى الْخَبِيْثُ وَالطَّيِّبُ وَلَوْ اَعْجَبَكَ كَثْرَةُ الْخَبِيْثِۚ فَاتَّقُوا اللّٰهَ يٰٓاُولِى الْاَلْبَابِ لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُوْنَ ࣖ  ( المائدة: ١٠٠ )

Say
قُل
कह दीजिए
"Not
لَّا
नहीं बराबर हो सकते
(are) equal
يَسْتَوِى
नहीं बराबर हो सकते
the evil
ٱلْخَبِيثُ
नापाक
and the good
وَٱلطَّيِّبُ
और पाक
even if
وَلَوْ
और अगरचे
impresses you
أَعْجَبَكَ
अच्छी लगे तुम्हें
abundance
كَثْرَةُ
कसरत
(of) the evil
ٱلْخَبِيثِۚ
नापाक की
So fear
فَٱتَّقُوا۟
पस डरो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह से
O men
يَٰٓأُو۟لِى
ऐ अक़्ल वालो
(of) understanding
ٱلْأَلْبَٰبِ
ऐ अक़्ल वालो
so that you may
لَعَلَّكُمْ
ताकि तुम
be successful"
تُفْلِحُونَ
तुम फ़लाह पा जाओ

Qul la yastawee alkhabeethu waalttayyibu walaw a'jabaka kathratu alkhabeethi faittaqoo Allaha ya olee alalbabi la'allakum tuflihoona (al-Māʾidah 5:100)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कह दो, 'बुरी चीज़ और अच्छी चीज़ समान नहीं होती, चाहे बुरी चीज़ों की बहुतायत तुम्हें प्रिय ही क्यों न लगे।' अतः ऐ बुद्धि और समझवालों! अल्लाह का डर रखो, ताकि तुम सफल हो सको

English Sahih:

Say, "Not equal are the evil and the good, although the abundance of evil might impress you." So fear Allah, O you of understanding, that you may be successful. ([5] Al-Ma'idah : 100)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) कह दो कि नापाक (हराम) और पाक (हलाल) बराबर नहीं हो सकता अगरचे नापाक की कसरत तुम्हें भला क्यों न मालूम हो तो ऐसे अक्लमन्दों अल्लाह से डरते रहो ताकि तुम कामयाब रहो