قُلْ اَتُعَلِّمُوْنَ اللّٰهَ بِدِيْنِكُمْۗ وَاللّٰهُ يَعْلَمُ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ وَاللّٰهُ بِكُلِّ شَيْءٍ عَلِيْمٌ ( الحجرات: ١٦ )
Say
قُلْ
कह दीजिए
"Will you acquaint
أَتُعَلِّمُونَ
क्या तुम बताते हो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह को
with your religion
بِدِينِكُمْ
अपना दीन
while Allah
وَٱللَّهُ
हालाँकि अल्लाह
knows
يَعْلَمُ
वो जानता है
what
مَا
जो कुछ
(is) in
فِى
आसमानों में है
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
and what
وَمَا
और जो कुछ
(is) in
فِى
ज़मीन में है
the earth
ٱلْأَرْضِۚ
ज़मीन में है
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
of every
بِكُلِّ
हर
thing
شَىْءٍ
चीज़ का
(is) All-Knower"
عَلِيمٌ
ख़ूब इल्म रखने वाला है
Qul atu'allimoona Allaha bideenikum waAllahu ya'lamu ma fee alssamawati wama fee alardi waAllahu bikulli shayin 'aleemun (al-Ḥujurāt 49:16)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कहो, 'क्या तुम अल्लाह को अपने धर्म की सूचना दे रहे हो। हालाँकि जो कुछ आकाशों में और जो कुछ धरती में है, अल्लाह सब जानता है? अल्लाह को हर चीज़ का ज्ञान है।'
English Sahih:
Say, "Would you acquaint Allah with your religion while Allah knows whatever is in the heavens and whatever is on the earth, and Allah is Knowing of all things?" ([49] Al-Hujurat : 16)