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لِّيُدْخِلَ الْمُؤْمِنِيْنَ وَالْمُؤْمِنٰتِ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَا وَيُكَفِّرَ عَنْهُمْ سَيِّاٰتِهِمْۗ وَكَانَ ذٰلِكَ عِنْدَ اللّٰهِ فَوْزًا عَظِيْمًاۙ  ( الفتح: ٥ )

That He may admit
لِّيُدْخِلَ
ताकि वो दाख़िल करे
the believing men
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिन मर्दों
and the believing women
وَٱلْمُؤْمِنَٰتِ
और मोमिन औरतों को
(to) Gardens
جَنَّٰتٍ
बाग़ात में
flow
تَجْرِى
बहती हैं
from
مِن
उनके नीचे से
underneath them
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
the rivers
ٱلْأَنْهَٰرُ
नहरें
(to) abide forever
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
therein
فِيهَا
उसमें
and (to) remove
وَيُكَفِّرَ
और वो दूर कर दे
from them
عَنْهُمْ
उनसे
their misdeeds
سَيِّـَٔاتِهِمْۚ
बुराइयाँ उनकी
and is
وَكَانَ
और है
that
ذَٰلِكَ
ये
with
عِندَ
अल्लाह के नज़दीक
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के नज़दीक
a success
فَوْزًا
कामयाबी
great
عَظِيمًا
बहुत बड़ी

Liyudkhila almumineena waalmuminati jannatin tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha wayukaffira 'anhum sayyiatihim wakana thalika 'inda Allahi fawzan 'atheeman (al-Fatḥ 48:5)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ताकि वह मोमिन पुरुषों औप मोमिन स्त्रियों को ऐसे बाग़ों में दाख़िल करे जिनके नीचे नहरें बहती होंगी कि वे उनमें सदैव रहें और उनसे उनकी बुराईयाँ दूर कर दे - यह अल्लाह के यहाँ बड़ी सफलता है। -

English Sahih:

[And] that He may admit the believing men and the believing women to gardens beneath which rivers flow to abide therein eternally and remove from them their misdeeds – and ever is that, in the sight of Allah, a great attainment ([48] Al-Fath : 5)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ताकि मोमिन मर्द और मोमिना औरतों को (बेहिश्त) के बाग़ों में जा पहुँचाए जिनके नीचे नहरें जारी हैं और ये वहाँ हमेशा रहेंगे और उनके गुनाहों को उनसे दूर कर दे और ये ख़ुदा के नज़दीक बड़ी कामयाबी है