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اِنْ يَّسْـَٔلْكُمُوْهَا فَيُحْفِكُمْ تَبْخَلُوْا وَيُخْرِجْ اَضْغَانَكُمْ   ( محمد: ٣٧ )

If
إِن
अगर
He were to ask you for it
يَسْـَٔلْكُمُوهَا
वो तलब करे तुमसे उन्हें
and press you
فَيُحْفِكُمْ
फिर वो इसरार करे तुमसे
you will withhold
تَبْخَلُوا۟
तुम बुख़्ल करोगे
and He will bring forth
وَيُخْرِجْ
और वो ज़ाहिर कर देगा
your hatred
أَضْغَٰنَكُمْ
कीने तुम्हारे

In yasalkumooha fayuhfikum tabkhaloo wayukhrij adghanakum (Muḥammad 47:37)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और यदि वह उनको तुमसे माँगे और समेटकर तुमसे माँगे तो तुम कंजूसी करोगे। और वह तुम्हारे द्वेष को निकाल बाहर कर देगा

English Sahih:

If He should ask you for them and press you, you would withhold, and He would expose your hatred [i.e., unwillingness]. ([47] Muhammad : 37)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर वह तुमसे माल तलब करे और तुमसे चिमट कर माँगे भी तो तुम (ज़रूर) बुख्ल करने लगो