اِنَّمَا الْحَيٰوةُ الدُّنْيَا لَعِبٌ وَّلَهْوٌ ۗوَاِنْ تُؤْمِنُوْا وَتَتَّقُوْا يُؤْتِكُمْ اُجُوْرَكُمْ وَلَا يَسْـَٔلْكُمْ اَمْوَالَكُمْ ( محمد: ٣٦ )
Only
إِنَّمَا
बेशक
the life
ٱلْحَيَوٰةُ
ज़िन्दगी
(of) the world
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की
(is) play
لَعِبٌ
खेल
and amusement
وَلَهْوٌۚ
तमाशा है
And if
وَإِن
और अगर
you believe
تُؤْمِنُوا۟
तुम ईमान ले आओ
and fear (Allah)
وَتَتَّقُوا۟
और तुम तक़्वा करो
He will give you
يُؤْتِكُمْ
वो देगा तुम्हें
your rewards
أُجُورَكُمْ
अजर तुम्हारे
and not
وَلَا
और ना
will ask you
يَسْـَٔلْكُمْ
वो तलब करेगा तुमसे
(for) your wealth
أَمْوَٰلَكُمْ
माल तुम्हारे
Innama alhayatu alddunya la'ibun walahwun wain tuminoo watattaqoo yutikum ojoorakum wala yasalkum amwalakum (Muḥammad 47:36)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
सांसारिक जीवन तो बस एक खेल और तमाशा है। और यदि तुम ईमान लाओ और डर रखो तो वह तुम्हारे कर्मफल तुम्हें प्रदान करेगा और तुमसे धन नही माँगेगा। -
English Sahih:
[This] worldly life is only amusement and diversion. And if you believe and fear Allah, He will give you your rewards and not ask you for your properties. ([47] Muhammad : 36)