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اِنَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا وَصَدُّوْا عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ وَشَاۤقُّوا الرَّسُوْلَ مِنْۢ بَعْدِ مَا تَبَيَّنَ لَهُمُ الْهُدٰى لَنْ يَّضُرُّوا اللّٰهَ شَيْـًٔاۗ وَسَيُحْبِطُ اَعْمَالَهُمْ   ( محمد: ٣٢ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disbelieve
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
and turn away
وَصَدُّوا۟
और उन्होंने रोका
from
عَن
अल्लाह के रास्ते से
(the) way of Allah
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते से
(the) way of Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते से
and opposed
وَشَآقُّوا۟
और उन्होंने मुख़ालिफ़त की
the Messenger
ٱلرَّسُولَ
रसूल की
after
مِنۢ
उसके बाद
after
بَعْدِ
उसके बाद
[what]
مَا
कि
(has been) made clear
تَبَيَّنَ
वाज़ेह हो चुकी
to them
لَهُمُ
उनके लिए
the guidance
ٱلْهُدَىٰ
हिदायत
never
لَن
हरगिज़ नहीं
will they harm
يَضُرُّوا۟
वो नुक़्सान पहुँचा सकते
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह को
(in) anything
شَيْـًٔا
कुछ भी
and He will make worthless
وَسَيُحْبِطُ
और अनक़रीब वो ज़ाया करदेगा
their deeds
أَعْمَٰلَهُمْ
आमाल उनके

Inna allatheena kafaroo wasaddoo 'an sabeeli Allahi washaqqoo alrrasoola min ba'di ma tabayyana lahumu alhuda lan yaduroo Allaha shayan wasayuhbitu a'malahum (Muḥammad 47:32)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिन लोगों ने इसके पश्चात कि मार्ग उनपर स्पष्ट हो चुका था, इनकार किया और अल्लाह के मार्ग से रोका और रसूल का विरोध किया, वे अल्लाह को कदापि कोई हानि नहीं पहुँचा सकेंगे, बल्कि वही उनका सब किया-कराया उनकी जान को लागू कर देगा

English Sahih:

Indeed, those who disbelieved and averted [people] from the path of Allah and opposed the Messenger after guidance had become clear to them – never will they harm Allah at all, and He will render worthless their deeds. ([47] Muhammad : 32)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बेशक जिन लोगों पर (दीन की) सीधी राह साफ़ ज़ाहिर हो गयी उसके बाद इन्कार कर बैठे और (लोगों को) ख़ुदा की राह से रोका और पैग़म्बर की मुख़ालेफ़त की तो ख़ुदा का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकेंगे और वह उनका सब किया कराया अक़ारत कर देगा