۞ اَفَلَمْ يَسِيْرُوْا فِى الْاَرْضِ فَيَنْظُرُوْا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ ۗ دَمَّرَ اللّٰهُ عَلَيْهِمْ ۖوَلِلْكٰفِرِيْنَ اَمْثَالُهَا ( محمد: ١٠ )
Do not
أَفَلَمْ
क्या फिर नहीं
they travel
يَسِيرُوا۟
वो चले फिरे
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
and see
فَيَنظُرُوا۟
तो वो देखते
how
كَيْفَ
किस तरह
was
كَانَ
हुआ
(the) end
عَٰقِبَةُ
अंजाम
(of) those
ٱلَّذِينَ
उन लोगों का जो
before them?
مِن
उनसे पहले थे
before them?
قَبْلِهِمْۚ
उनसे पहले थे
Allah destroyed
دَمَّرَ
हलाकत डाली
Allah destroyed
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
[over] them
عَلَيْهِمْۖ
उन पर
and for the disbelievers
وَلِلْكَٰفِرِينَ
और काफ़िरों के लिए
its likeness
أَمْثَٰلُهَا
उस जैसी (सज़ाऐं )हैं
Afalam yaseeroo fee alardi fayanthuroo kayfa kana 'aqibatu allatheena min qablihim dammara Allahu 'alayhim walilkafireena amthaluha (Muḥammad 47:10)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं कि देखते कि उन लोगों का कैसा परिणाम हुआ जो उनसे पहले गुज़र चुके है? अल्लाह ने उन्हें तहस-नहस कर दिया और इनकार करनेवालों के लिए ऐसे ही मामले होने है
English Sahih:
Have they not traveled through the land and seen how was the end of those before them? Allah destroyed [everything] over them, and for the disbelievers is something comparable. ([47] Muhammad : 10)