Ta'atun waqawlun ma'roofun faitha 'azama alamru falaw sadaqoo Allaha lakana khayran lahum
उनके लिए उचित है आज्ञापालन और अच्छी-भली बात। फिर जब (युद्ध की) बात पक्की हो जाए (तो युद्ध करना चाहिए) तो यदि वे अल्लाह के लिए सच्चे साबित होते तो उनके लिए ही अच्छा होता
Fahal 'asaytum in tawallaytum an tufsidoo fee alardi watuqatti'oo arhamakum
यदि तुम उल्टे फिर गए तो क्या तुम इससे निकट हो कि धरती में बिगाड़ पैदा करो और अपने नातों-रिश्तों को काट डालो?
Olaika allatheena la'anahumu Allahu faasammahum waa'ma absarahum
ये वे लोग है जिनपर अल्लाह ने लानत की और उन्हें बहरा और उनकी आँखों को अन्धा कर दिया
Afala yatadabbaroona alqurana am 'ala quloobin aqfaluha
तो क्या वे क़ुरआन में सोच-विचार नहीं करते या उनके दिलों पर ताले लगे हैं?
Inna allatheena irtaddoo 'ala adbarihim min ba'di ma tabayyana lahumu alhuda alshshaytanu sawwala lahum waamla lahum
वे लोग जो पीठ-फेरकर पलट गए, इसके पश्चात कि उनपर मार्ग स्पष्ट॥ हो चुका था, उन्हें शैतान ने बहका दिया और उसने उन्हें ढील दे दी
Thalika biannahum qaloo lillatheena karihoo ma nazzala Allahu sanutee'ukum fee ba'di alamri waAllahu ya'lamu israrahum
यह इसलिए कि उन्होंने उन लोगों से, जिन्होंने उस चीज़ को नापसन्द किया जो कुछ अल्लाह ने उतारा है, कहा कि 'हम कुछ मामलों में तुम्हारी बात मान लेंगे।' अल्लाह उनकी गुप्त बातों को भली-भाँति जानता है
Fakayfa itha tawaffathumu almalaikatu yadriboona wujoohahum waadbarahum
फिर उस समय क्या हाल होगा जब फ़रिश्तें उनके चहरों और उनकी पीठों पर मारते हुए उनकी रूह क़ब्ज़ करेंगे?
Thalika biannahumu ittaba'oo ma askhata Allaha wakarihoo ridwanahu faahbata a'malahum
यह इसलिए कि उन्होंने उस चीज़ का अनुसरण किया जो अल्लाह को अप्रसन्न करनेवाली थी और उन्होंने उसकी ख़ुशी को नापसन्द किया तो उसने उनके कर्मों को अकारथ कर दिया
Am hasiba allatheena fee quloobihim maradun an lan yukhrija Allahu adghanahum
(क्या अल्लाह से कोई चीज़ छिपी है) या जिन लोगों के दिलों में रोग है वे समझ बैठे है कि अल्लाह उनके द्वेषों को कदापि प्रकट न करेगा?
Walaw nashao laaraynakahum fala'araftahum biseemahum walata'rifannahum fee lahni alqawli waAllahu ya'lamu a'malakum
यदि हम चाहें तो उन्हें तुम्हें दिखा दें, फिर तुम उन्हें उनके लक्षणों से पहचान लो; किन्तु तुम उन्हें उनकी बातचीत के ढब से अवश्य पहचान लोगे। अल्लाह तो तुम्हारे कर्मों को जानता ही है