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وَاخْتِلَافِ الَّيْلِ وَالنَّهَارِ وَمَآ اَنْزَلَ اللّٰهُ مِنَ السَّمَاۤءِ مِنْ رِّزْقٍ فَاَحْيَا بِهِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا وَتَصْرِيْفِ الرِّيٰحِ اٰيٰتٌ لِّقَوْمٍ يَّعْقِلُوْنَ  ( الجاثية: ٥ )

And (in the) alternation
وَٱخْتِلَٰفِ
और इख़्तिलाफ़ में
(of) the night
ٱلَّيْلِ
रात
and the day
وَٱلنَّهَارِ
और दिन के
and what
وَمَآ
और जो
Allah sends down
أَنزَلَ
उतारा
Allah sends down
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
from
مِنَ
आसमान से
the sky
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
of
مِن
रिज़्क़ में से
(the) provision
رِّزْقٍ
रिज़्क़ में से
and gives life
فَأَحْيَا
फिर उसने ज़िन्दा किया
thereby
بِهِ
साथ उसके
(to) the earth
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन को
after
بَعْدَ
बाद
its death
مَوْتِهَا
उसकी मौत के
and (in) directing of
وَتَصْرِيفِ
और गर्दिश में
(the) winds
ٱلرِّيَٰحِ
हवाओं की
(are) Signs
ءَايَٰتٌ
निशानियाँ हैं
for a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
who reason
يَعْقِلُونَ
जो अक़्ल रखते हैं

Waikhtilafi allayli waalnnahari wama anzala Allahu mina alssamai min rizqin faahya bihi alarda ba'da mawtiha watasreefi alrriyahi ayatun liqawmin ya'qiloona (al-Jāthiyah 45:5)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और रात और दिन के उलट-फेर में भी, और उस रोज़ी (पानी) में भी जिसे अल्लाह ने आकाश से उतारा, फिर उसके द्वारा धरती को उसके उन मुर्दा हो जाने के पश्चात जीवित किया और हवाओं की गर्दिश में भीलोगों के लिए बहुत-सी निशानियाँ है जो बुद्धि से काम लें

English Sahih:

And [in] the alternation of night and day and [in] what Allah sends down from the sky of provision [i.e., rain] and gives life thereby to the earth after its lifelessness and [in His] directing of the winds are signs for a people who reason. ([45] Al-Jathiyah : 5)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और रात दिन के आने जाने में और ख़ुदा ने आसमान से जो (ज़रिया) रिज़क (पानी) नाज़िल फरमाया फिर उससे ज़मीन को उसके मर जाने के बाद ज़िन्दा किया (उसमें) और हवाओं फेर बदल में अक्लमन्द लोगों के लिए बहुत सी निशानियाँ हैं