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اِنَّ فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ لَاٰيٰتٍ لِّلْمُؤْمِنِيْنَۗ  ( الجاثية: ٣ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
in
فِى
आसमानों में
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
and the earth
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन में
surely (are) Signs
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
for the believers
لِّلْمُؤْمِنِينَ
ईमान वालों के लिए

Inna fee alssamawati waalardi laayatin lilmumineena (al-Jāthiyah 45:3)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निस्संदेह आकाशों और धरती में ईमानवालों के लिए बहुत-सी निशानियाँ है

English Sahih:

Indeed, within the heavens and earth are signs for the believers. ([45] Al-Jathiyah : 3)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बेशक आसमान और ज़मीन में ईमान वालों के लिए (क़ुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं