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هٰذَا بَصَاۤىِٕرُ لِلنَّاسِ وَهُدًى وَّرَحْمَةٌ لِّقَوْمٍ يُّوْقِنُوْنَ   ( الجاثية: ٢٠ )

This
هَٰذَا
ये
(is) enlightenment
بَصَٰٓئِرُ
बसीरत की बातें हैं
for mankind
لِلنَّاسِ
लोगों के लिए
and guidance
وَهُدًى
और हिदायत
and mercy
وَرَحْمَةٌ
और रहमत है
for a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
who are certain
يُوقِنُونَ
जो यक़ीन रखते हैं

Hatha basairu lilnnasi wahudan warahmatun liqawmin yooqinoona (al-Jāthiyah 45:20)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वह लोगों के लिए सूझ के प्रकाशों का पुंज है, और मार्गदर्शन और दयालुता है उन लोगों के लिए जो विश्वास करें

English Sahih:

This [Quran] is enlightenment for mankind and guidance and mercy for a people who are certain [in faith]. ([45] Al-Jathiyah : 20)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ये (क़ुरान) लोगों (की) हिदायत के लिए दलीलो का मजमूआ है और बातें करने वाले लोगों के लिए (अज़सरतापा) हिदायत व रहमत है