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وَسَخَّرَ لَكُمْ مَّا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِ جَمِيْعًا مِّنْهُ ۗاِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيٰتٍ لِّقَوْمٍ يَّتَفَكَّرُوْنَ   ( الجاثية: ١٣ )

And He has subjected
وَسَخَّرَ
और उसने मुसख़्खर किया
to you
لَكُم
तुम्हारे लिए
whatever
مَّا
जो कुछ
(is) in
فِى
आसमानों में है
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
and whatever
وَمَا
और जो कुछ
(is) in
فِى
ज़मीन में है
the earth -
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में है
all
جَمِيعًا
सब का सब
from Him
مِّنْهُۚ
अपनी तरफ़ से
Indeed
إِنَّ
बेशक
in
فِى
इसमें
that
ذَٰلِكَ
इसमें
surely are Signs
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
for a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
who give thought
يَتَفَكَّرُونَ
जो ग़ौर व फ़िक्र करते हैं

Wasakhkhara lakum ma fee alssamawati wama fee alardi jamee'an minhu inna fee thalika laayatin liqawmin yatafakkaroona (al-Jāthiyah 45:13)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो चीज़ें आकाशों में है और जो धरती में हैं, उसने उन सबको अपनी ओर से तुम्हारे काम में लगा रखा है। निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है जो सोच-विचार से काम लेते है

English Sahih:

And He has subjected to you whatever is in the heavens and whatever is on the earth – all from Him. Indeed in that are signs for a people who give thought. ([45] Al-Jathiyah : 13)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सबको अपने (हुक्म) से तुम्हारे काम में लगा दिया है जो लोग ग़ौर करते हैं उनके लिए इसमें (क़ुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं