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مِنْ وَّرَاۤىِٕهِمْ جَهَنَّمُ ۚوَلَا يُغْنِيْ عَنْهُمْ مَّا كَسَبُوْا شَيْـًٔا وَّلَا مَا اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اَوْلِيَاۤءَۚ وَلَهُمْ عَذَابٌ عَظِيْمٌۗ   ( الجاثية: ١٠ )

Before them
مِّن
उनके आगे
Before them
وَرَآئِهِمْ
उनके आगे
(is) Hell
جَهَنَّمُۖ
जहन्नम है
and not
وَلَا
और ना
will avail
يُغْنِى
काम आएगा
them
عَنْهُم
उन्हें
what
مَّا
जो
they had earned
كَسَبُوا۟
उन्होंने ने कमाया
anything
شَيْـًٔا
कुछ भी
and not
وَلَا
और ना
what
مَا
वो जो
they had taken
ٱتَّخَذُوا۟
उन्होंने बना लिए
besides
مِن
सिवाय
besides
دُونِ
सिवाय
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
(as) protectors
أَوْلِيَآءَۖ
हिमायती
And for them
وَلَهُمْ
और उनके लिए
(is) a punishment
عَذَابٌ
अज़ाब है
great
عَظِيمٌ
बहुत बड़ा

Min waraihim jahannamu wala yughnee 'anhum ma kasaboo shayan wala ma ittakhathoo min dooni Allahi awliyaa walahum 'athabun 'atheemun (al-Jāthiyah 45:10)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनके आगे जहन्नम है, जो उन्होंने कमाया वह उनके कुछ काम न आएगा और न यही कि उन्होंने अल्लाह को छोड़कर अपने संरक्षक ठहरा रखे है। उनके लिए तो बड़ी यातना है

English Sahih:

Before them is Hell, and what they had earned will not avail them at all nor what they had taken besides Allah as allies. And they will have a great punishment. ([45] Al-Jathiyah : 10)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जहन्नुम तो उनके पीछे ही (पीछे) है और जो कुछ वह आमाल करते रहे न तो वही उनके कुछ काम आएँगे और न जिनको उन्होंने ख़ुदा को छोड़कर (अपने) सरपरस्त बनाए थे और उनके लिए बड़ा (सख्त) अज़ाब है