اَمْ يَحْسَبُوْنَ اَنَّا لَا نَسْمَعُ سِرَّهُمْ وَنَجْوٰىهُمْ ۗ بَلٰى وَرُسُلُنَا لَدَيْهِمْ يَكْتُبُوْنَ ( الزخرف: ٨٠ )
Or
أَمْ
या
(do) they think
يَحْسَبُونَ
वो समझते हैं
that We
أَنَّا
बेशक हम
(can) not
لَا
नहीं हम सुनते
hear
نَسْمَعُ
नहीं हम सुनते
their secret(s)
سِرَّهُمْ
राज़ उनका
and their private counsel(s)?
وَنَجْوَىٰهُمۚ
और सरगोशी उनकी
Nay
بَلَىٰ
क्यों नहीं
and Our Messengers
وَرُسُلُنَا
और हमारे भेजे हुए(फ़रिश्ते)
with them
لَدَيْهِمْ
उनके पास हैं
are recording
يَكْتُبُونَ
वो लिखते हैं
Am yahsaboona anna la nasma'u sirrahum wanajwahum bala warusuluna ladayhim yaktuboona (az-Zukhruf 43:80)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
या वे समझते है कि हम उनकी छिपी बात और उनकी कानाफूसी को सुनते नही? क्यों नहीं, और हमारे भेजे हुए (फ़रिश्ते) उनके समीप हैं, वे लिखते रहते है।'
English Sahih:
Or do they think that We hear not their secrets and their private conversations? Yes, [We do], and Our messengers [i.e., angels] are with them recording. ([43] Az-Zukhruf : 80)