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وَقَالُوْٓا ءَاٰلِهَتُنَا خَيْرٌ اَمْ هُوَ ۗمَا ضَرَبُوْهُ لَكَ اِلَّا جَدَلًا ۗبَلْ هُمْ قَوْمٌ خَصِمُوْنَ  ( الزخرف: ٥٨ )

And they said
وَقَالُوٓا۟
और उन्होंने कहा
"Are our gods
ءَأَٰلِهَتُنَا
क्या इलाह हमारे
better
خَيْرٌ
बेहतर हैं
or
أَمْ
या
he?"
هُوَۚ
वो
Not
مَا
नहीं
they present it
ضَرَبُوهُ
उन्होंने बयान किया उसे
to you
لَكَ
आपके लिए
except
إِلَّا
मगर
(for) argument
جَدَلًۢاۚ
झगड़ने को
Nay
بَلْ
बल्कि
they
هُمْ
वो
(are) a people
قَوْمٌ
लोग हैं
argumentative
خَصِمُونَ
झगड़ालू

Waqaloo aalihatuna khayrun am huwa ma daraboohu laka illa jadalan bal hum qawmun khasimoona (az-Zukhruf 43:58)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और कहने लगे, 'क्या हमारे उपास्य अच्छे नहीं या वह (मसीह)?' उन्होंने यह बात तुमसे केवल झगड़ने के लिए कही, बल्कि वे तो है ही झगड़ालू लोग

English Sahih:

And they said, "Are our gods better, or is he?" They did not present it [i.e., the comparison] except for [mere] argument. But, [in fact], they are a people prone to dispute. ([43] Az-Zukhruf : 58)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और बोल उठे कि भला हमारे माबूद अच्छे हैं या वह (ईसा) उन लोगों ने जो ईसा की मिसाल तुमसे बयान की है तो सिर्फ झगड़ने को