Skip to main content

فَلَوْلَٓا اُلْقِيَ عَلَيْهِ اَسْوِرَةٌ مِّنْ ذَهَبٍ اَوْ جَاۤءَ مَعَهُ الْمَلٰۤىِٕكَةُ مُقْتَرِنِيْنَ   ( الزخرف: ٥٣ )

Then why not
فَلَوْلَآ
तो क्यों नहीं
are placed
أُلْقِىَ
डाले गए
on him
عَلَيْهِ
उस पर
bracelets
أَسْوِرَةٌ
कंगन
of
مِّن
सोने के
gold
ذَهَبٍ
सोने के
or
أَوْ
या
come
جَآءَ
आए
with him
مَعَهُ
साथ उसके
the Angels
ٱلْمَلَٰٓئِكَةُ
फ़रिश्ते
accompanying (him)?"
مُقْتَرِنِينَ
जमा होकर

Falawla olqiya 'alayhi aswiratun min thahabin aw jaa ma'ahu almalaikatu muqtarineena (az-Zukhruf 43:53)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

(यदि वह रसूल है तो) फिर ऐसा क्यों न हुआ कि उसके लिए ऊपर से सोने के कंगन डाले गए होते या उसके साथ पार्श्ववर्ती होकर फ़रिश्ते आए होते?'

English Sahih:

Then why have there not been placed upon him bracelets of gold or come with him the angels in conjunction?" ([43] Az-Zukhruf : 53)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

कहीं बहुत बेहतर हूँ (अगर ये बेहतर है तो इसके लिए सोने के कंगन) (ख़ुदा के हॉ से) क्यों नहीं उतारे गये या उसके साथ फ़रिश्ते जमा होकर आते