وَقَالُوْا لَوْلَا نُزِّلَ هٰذَا الْقُرْاٰنُ عَلٰى رَجُلٍ مِّنَ الْقَرْيَتَيْنِ عَظِيْمٍ ( الزخرف: ٣١ )
And they say
وَقَالُوا۟
और उन्होंने कहा
"Why not
لَوْلَا
क्यों नहीं
was sent down
نُزِّلَ
नाज़िल किया गया
this
هَٰذَا
ये
the Quran
ٱلْقُرْءَانُ
क़ुरान
to
عَلَىٰ
ऊपर किसी शख़्स के
a man
رَجُلٍ
ऊपर किसी शख़्स के
from
مِّنَ
दो बस्तियों में से
the two towns
ٱلْقَرْيَتَيْنِ
दो बस्तियों में से
great?"
عَظِيمٍ
बहुत बड़े
Waqaloo lawla nuzzila hatha alquranu 'ala rajulin mina alqaryatayni 'atheemun (az-Zukhruf 43:31)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे कहते है, 'यह क़ुरआन इन दो बस्तियों के किसी बड़े आदमी पर क्यों नहीं अवतरित हुआ?'
English Sahih:
And they said, "Why was this Quran not sent down upon a great man from [one of] the two cities?" ([43] Az-Zukhruf : 31)