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وَالَّذِيْ نَزَّلَ مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءًۢ بِقَدَرٍۚ فَاَنْشَرْنَا بِهٖ بَلْدَةً مَّيْتًا ۚ كَذٰلِكَ تُخْرَجُوْنَ   ( الزخرف: ١١ )

And the One Who
وَٱلَّذِى
और वो जिसने
sends down
نَزَّلَ
उतारा
from
مِنَ
आसमान से
the sky
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
water
مَآءًۢ
पानी
in (due) measure
بِقَدَرٍ
साथ एक अंदाज़े के
then We revive
فَأَنشَرْنَا
फिर ज़िन्दा किया हमने
with it
بِهِۦ
साथ उसके
a land
بَلْدَةً
शहर
dead
مَّيْتًاۚ
मुर्दा को
thus
كَذَٰلِكَ
इसी तरह
you will be brought forth
تُخْرَجُونَ
तुम निकाले जाओगे

Waallathee nazzala mina alssamai maan biqadarin faansharna bihi baldatan maytan kathalika tukhrajoona (az-Zukhruf 43:11)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जिसने आकाश से एक अन्दाज़े से पानी उतारा। और हमने उसके द्वारा मृत भूमि को जीवित कर दिया। इसी तरह तुम भी (जीवित करके) निकाले जाओगे

English Sahih:

And who sends down rain from the sky in measured amounts, and We revive thereby a dead land – thus will you be brought forth – ([43] Az-Zukhruf : 11)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जिसने एक (मुनासिब) अन्दाजे क़े साथ आसमान से पानी बरसाया फिर हम ही ने उसके (ज़रिए) से मुर्दा (परती) शहर को ज़िन्दा (आबाद) किया उसी तरह तुम भी (क़यामत के दिन क़ब्रों से) निकाले जाओगे