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وَٱلَّذِى
और वो जिसने
نَزَّلَ
उतारा
مِنَ
आसमान से
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
مَآءًۢ
पानी
بِقَدَرٍ
साथ एक अंदाज़े के
فَأَنشَرْنَا
फिर ज़िन्दा किया हमने
بِهِۦ
साथ उसके
بَلْدَةً
शहर
مَّيْتًاۚ
मुर्दा को
كَذَٰلِكَ
इसी तरह
تُخْرَجُونَ
तुम निकाले जाओगे

Waallathee nazzala mina alssamai maan biqadarin faansharna bihi baldatan maytan kathalika tukhrajoona

और जिसने आकाश से एक अन्दाज़े से पानी उतारा। और हमने उसके द्वारा मृत भूमि को जीवित कर दिया। इसी तरह तुम भी (जीवित करके) निकाले जाओगे

Tafseer (तफ़सीर )

وَٱلَّذِى
और वो जिसने
خَلَقَ
बनाए
ٱلْأَزْوَٰجَ
जोड़े
كُلَّهَا
सारे के सारे
وَجَعَلَ
और उसने बनाया
لَكُم
तुम्हारे लिए
مِّنَ
कश्तियों
ٱلْفُلْكِ
कश्तियों
وَٱلْأَنْعَٰمِ
और मवेशियों को
مَا
जिन पर
تَرْكَبُونَ
तुम सवारी करते हो

Waallathee khalaqa alazwaja kullaha waja'ala lakum mina alfulki waalan'ami ma tarkaboona

और जिसने विभिन्न प्रकार की चीज़े पैदा कीं, और तुम्हारे लिए वे नौकाएँ और जानवर बनाए जिनपर तुम सवार होते हो

Tafseer (तफ़सीर )

لِتَسْتَوُۥا۟
ताकि तुम जम कर बैठो
عَلَىٰ
उनकी पुश्तों पर
ظُهُورِهِۦ
उनकी पुश्तों पर
ثُمَّ
फिर
تَذْكُرُوا۟
तुम याद करो
نِعْمَةَ
नेअमत
رَبِّكُمْ
अपने रब की
إِذَا
जब
ٱسْتَوَيْتُمْ
तुम जम कर बैठ जाओ
عَلَيْهِ
उन पर
وَتَقُولُوا۟
और तुम कहो
سُبْحَٰنَ
पाक है
ٱلَّذِى
वो जिसने
سَخَّرَ
मुसख़्खर किया
لَنَا
हमारे लिए
هَٰذَا
उसे
وَمَا
और ना
كُنَّا
थे हम
لَهُۥ
उसे
مُقْرِنِينَ
क़ाबू में लाने वाले

Litastawoo 'ala thuhoorihi thumma tathkuroo ni'mata rabbikum itha istawaytum 'alayhi wataqooloo subhana allathee sakhkhara lana hatha wama kunna lahu muqrineena

ताकि तुम उनकी पीठों पर जमकर बैठो, फिर याद करो अपने रब की अनुकम्पा को जब तुम उनपर बैठ जाओ और कहो, 'कितना महिमावान है वह जिसने इसको हमारे वश में किया, अन्यथा हम तो इसे क़ाबू में कर सकनेवाले न थे

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِنَّآ
और बेशक हम
إِلَىٰ
तरफ़ अपने रब के
رَبِّنَا
तरफ़ अपने रब के
لَمُنقَلِبُونَ
यक़ीनन पलटने वाले हैं

Wainna ila rabbina lamunqaliboona

और निश्चय ही हम अपने रब की ओर लौटनेवाले है।'

Tafseer (तफ़सीर )

وَجَعَلُوا۟
और उन्होंने बना दिया
لَهُۥ
उसके लिए
مِنْ
उसके बन्दों में से
عِبَادِهِۦ
उसके बन्दों में से
جُزْءًاۚ
एक जुज़(औलाद)
إِنَّ
बेशक
ٱلْإِنسَٰنَ
इन्सान
لَكَفُورٌ
यक़ीनन बहुत नाशुक्रा है
مُّبِينٌ
खुल्लम-खुल्ला

Waja'aloo lahu min 'ibadihi juzan inna alinsana lakafoorun mubeenun

उन्होंने उसके बन्दों में से कुछ को उसका अंश ठहरा दिया! निश्चय ही मनुष्य खुला कृतघ्न है

Tafseer (तफ़सीर )

أَمِ
या
ٱتَّخَذَ
उसने बना लीं
مِمَّا
उसमें से जो
يَخْلُقُ
वो पैदा करता है
بَنَاتٍ
बेटियाँ
وَأَصْفَىٰكُم
और चुन लिया तुम्हें
بِٱلْبَنِينَ
बेटों के लिए

Ami ittakhatha mimma yakhluqu banatin waasfakum bialbaneena

(क्या किसी ने अल्लाह को इससे रोक दिया है कि वह अपने लिए बेटे चुनता) या जो कुछ वह पैदा करता है उसमें से उसने स्वयं ही अपने लिए तो बेटियाँ लीं और तुम्हें चुन लिया बेटों के लिए?

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِذَا
हालाँकि जब
بُشِّرَ
ख़ुशख़बरी दी जाती है
أَحَدُهُم
उनमें से किसी एक को
بِمَا
साथ उसके जो
ضَرَبَ
उसने बयान की
لِلرَّحْمَٰنِ
रहमान के लिए
مَثَلًا
मिसाल
ظَلَّ
हो जाता है
وَجْهُهُۥ
चेहरा उसका
مُسْوَدًّا
सियाह
وَهُوَ
और वो
كَظِيمٌ
ग़म से भरा होता है

Waitha bushshira ahaduhum bima daraba lilrrahmani mathalan thalla wajhuhu muswaddan wahuwa katheemun

और हाल यह है कि जब उनमें से किसी को उसकी मंगल सूचना दी जाती है, जो वह रहमान के लिए बयान करता है, तो उसके मुँह पर कलौंस छा जाती है और वह ग़म के मारे घुटा-घुटा रहने लगता है

Tafseer (तफ़सीर )

أَوَمَن
क्या भला जिसे
يُنَشَّؤُا۟
पाला जाता है
فِى
ज़ेवरात में
ٱلْحِلْيَةِ
ज़ेवरात में
وَهُوَ
और वो
فِى
झगड़े में
ٱلْخِصَامِ
झगड़े में
غَيْرُ
ग़ैर
مُبِينٍ
वाज़ेह है

Awaman yunashshao fee alhilyati wahuwa fee alkhisami ghayru mubeenin

और क्या वह जो आभूषणों में पले और वह जो वाद-विवाद और झगड़े में खुल न पाए (ऐसी अबला को अल्लाह की सन्तान घोषित करते हो)?

Tafseer (तफ़सीर )

وَجَعَلُوا۟
और उन्होंने बना लिया
ٱلْمَلَٰٓئِكَةَ
फ़रिश्तों को
ٱلَّذِينَ
जो
هُمْ
वो
عِبَٰدُ
बन्दे हैं
ٱلرَّحْمَٰنِ
रहमान के
إِنَٰثًاۚ
औरतें
أَشَهِدُوا۟
क्या वो हाज़िर थे
خَلْقَهُمْۚ
उनकी पैदाइश (के वक़्त )
سَتُكْتَبُ
ज़रूर लिखी जाएगी
شَهَٰدَتُهُمْ
गवाही उनकी
وَيُسْـَٔلُونَ
और वो पूछे जाऐंगे

Waja'aloo almalaikata allatheena hum 'ibadu alrrahmani inathan ashahidoo khalqahum satuktabu shahadatuhum wayusaloona

उन्होंने फ़रिश्तों को, जो रहमान के बन्दे है, स्त्रियाँ ठहरा ली है। क्या वे उनकी संरचना के समय मौजूद थे? उनकी गवाही लिख ली जाएगी और उनसे पूछ होगी

Tafseer (तफ़सीर )

وَقَالُوا۟
और वो कहते हैं
لَوْ
अगर
شَآءَ
चाहता
ٱلرَّحْمَٰنُ
रहमान
مَا
ना
عَبَدْنَٰهُمۗ
इबादत करते हम उनकी
مَّا
नहीं
لَهُم
उनके लिए
بِذَٰلِكَ
इसका
مِنْ
कोई इल्म
عِلْمٍۖ
कोई इल्म
إِنْ
नहीं
هُمْ
वो
إِلَّا
मगर
يَخْرُصُونَ
वो अंदाज़े लगाते हैं

Waqaloo law shaa alrrahmanu ma 'abadnahum ma lahum bithalika min 'ilmin in hum illa yakhrusoona

वे कहते है कि 'यदि रहमान चाहता तो हम उन्हें न पूजते।' उन्हें इसका कुछ ज्ञान नहीं। वे तो बस अटकल दौड़ाते है

Tafseer (तफ़सीर )