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صِرَاطِ اللّٰهِ الَّذِيْ لَهٗ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ اَلَآ اِلَى اللّٰهِ تَصِيْرُ الْاُمُوْرُ ࣖ   ( الشورى: ٥٣ )

(The) path
صِرَٰطِ
रास्ता
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
the One
ٱلَّذِى
वो जो
to Whom
لَهُۥ
उसका के लिए है
(belongs) whatever
مَا
जो कुछ
(is) in
فِى
आसमानों में है
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
and whatever
وَمَا
और जो कुछ
(is) in
فِى
ज़मीन में है
the earth
ٱلْأَرْضِۗ
ज़मीन में है
Unquestionably!
أَلَآ
ख़बरदार
To
إِلَى
तरफ़ अल्लाह ही के
Allah
ٱللَّهِ
तरफ़ अल्लाह ही के
reach
تَصِيرُ
लौटते हैं
all affairs
ٱلْأُمُورُ
तमाम मामलात

Sirati Allahi allathee lahu ma fee alssamawati wama fee alardi ala ila Allahi taseeru alomooru (aš-Šūrā 42:53)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उस अल्लाह के मार्ग की ओर जिसका वह सब कुछ है, जो आकाशों में है और जो धरती में है। सुन लो, सारे मामले अन्ततः अल्लाह ही की ओर पलटते हैं

English Sahih:

The path of Allah, to whom belongs whatever is in the heavens and whatever is on the earth. Unquestionably, to Allah do [all] matters evolve [i.e., return]. ([42] Ash-Shuraa : 53)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(यानि) उसका रास्ता कि जो आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) उसी का है सुन रखो सब काम ख़ुदा ही की तरफ रूजू होंगे और वही फैसला करेगा