لِلّٰهِ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ يَخْلُقُ مَا يَشَاۤءُ ۗيَهَبُ لِمَنْ يَّشَاۤءُ اِنَاثًا وَّيَهَبُ لِمَنْ يَّشَاۤءُ الذُّكُوْرَ ۙ ( الشورى: ٤٩ )
To Allah
لِّلَّهِ
अल्लाह ही के लिए है
(belongs the) dominion
مُلْكُ
बादशाहत
(of) the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth
وَٱلْأَرْضِۚ
और ज़मीन की
He creates
يَخْلُقُ
वो पैदा करता है
what
مَا
जो
He wills
يَشَآءُۚ
वो चाहता है
He grants
يَهَبُ
वो अता करता है
to whom
لِمَن
जिसके लिए
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
females
إِنَٰثًا
लड़कियाँ
and He grants
وَيَهَبُ
और वो अता करता है
to whom
لِمَن
जिसके लिए
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
[the] males
ٱلذُّكُورَ
लड़के
Lillahi mulku alssamawati waalardi yakhluqu ma yashao yahabu liman yashao inathan wayahabu liman yashao alththukoora (aš-Šūrā 42:49)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह ही की है आकाशों और धरती की बादशाही। वह जो चाहता है पैदा करता है, जिसे चाहता है लड़कियाँ देता है और जिसे चाहता है लड़के देता है।
English Sahih:
To Allah belongs the dominion of the heavens and the earth; He creates what He wills. He gives to whom He wills female [children], and He gives to whom He wills males. ([42] Ash-Shuraa : 49)