وَمَنْ يُّضْلِلِ اللّٰهُ فَمَا لَهٗ مِنْ وَّلِيٍّ مِّنْۢ بَعْدِهٖ ۗوَتَرَى الظّٰلِمِيْنَ لَمَّا رَاَوُا الْعَذَابَ يَقُوْلُوْنَ هَلْ اِلٰى مَرَدٍّ مِّنْ سَبِيْلٍۚ ( الشورى: ٤٤ )
And whoever
وَمَن
और जिसे
Allah lets go astray
يُضْلِلِ
भटका दे
Allah lets go astray
ٱللَّهُ
अल्लाह
then not
فَمَا
तो नहीं
for him
لَهُۥ
उसके लिए
any
مِن
कोई करसाज़
protector
وَلِىٍّ
कोई करसाज़
after Him
مِّنۢ
उसके बाद
after Him
بَعْدِهِۦۗ
उसके बाद
And you will see
وَتَرَى
और आप देखेंगे
the wrongdoers
ٱلظَّٰلِمِينَ
ज़ालिमों को
when
لَمَّا
जब
they see
رَأَوُا۟
वो देख लेंगे
the punishment
ٱلْعَذَابَ
अज़ाब
saying
يَقُولُونَ
वो कहेंगे
"Is
هَلْ
क्या है
(there) for
إِلَىٰ
वापस लौटने की तरफ़
return
مَرَدٍّ
वापस लौटने की तरफ़
any
مِّن
कोई रास्ता
way?"
سَبِيلٍ
कोई रास्ता
Waman yudlili Allahu fama lahu min waliyyin min ba'dihi watara alththalimeena lamma raawoo al'athaba yaqooloona hal ila maraddin min sabeelin (aš-Šūrā 42:44)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जिस व्यक्ति को अल्लाह गुमराही में डाल दे, तो उसके पश्चात उसे सम्भालनेवाला कोई भी नहीं। तुम ज़ालिमों को देखोगे कि जब वे यातना को देख लेंगे तो कह रहे होंगे, 'क्या लौटने का भी कोई मार्ग है?'
English Sahih:
And he whom Allah sends astray – for him there is no protector beyond Him. And you will see the wrongdoers, when they see the punishment, saying, "Is there for return [to the former world] any way?" ([42] Ash-Shuraa : 44)