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وَلَمَنْ صَبَرَ وَغَفَرَ اِنَّ ذٰلِكَ لَمِنْ عَزْمِ الْاُمُوْرِ ࣖ   ( الشورى: ٤٣ )

And whoever
وَلَمَن
और अलबत्ता जिसने
(is) patient
صَبَرَ
सब्र किया
and forgives
وَغَفَرَ
और उसने माफ़ कर दिया
indeed
إِنَّ
बेशक
that
ذَٰلِكَ
ये
(is) surely of
لَمِنْ
अलबत्ता हिम्मत के कामों में से है
matters of determination
عَزْمِ
अलबत्ता हिम्मत के कामों में से है
matters of determination
ٱلْأُمُورِ
अलबत्ता हिम्मत के कामों में से है

Walaman sabara waghafara inna thalika lamin 'azmi alomoori (aš-Šūrā 42:43)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

किन्तु जिसने धैर्य से काम लिया और क्षमा कर दिया तो निश्चय ही वह उन कामों में से है जो (सफलता के लिए) आवश्यक ठहरा दिए गए है

English Sahih:

And whoever is patient and forgives – indeed, that is of the matters [worthy] of resolve. ([42] Ash-Shuraa : 43)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो सब्र करे और कुसूर माफ़ कर दे तो बेशक ये बड़े हौसले के काम हैं